मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा उनके पीछे अपना सब कुछ लुटा दिया धीरे-धीरे जब कंगाल हो गया भिखारी बोलकर वह बेवफा हुई
अपनी आदत से मजबूर हूं ना चाहते हुए भी कुछ ना कुछ गलत हो ही जाता है मैं सुधारने की कोशिश ज्यादा किया मेरे दिल ने शराफत ना छोड़ी अभी