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मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा

मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा उनके पीछे अपना सब कुछ लुटा दिया धीरे-धीरे जब कंगाल हो गया भिखारी बोलकर वह बेवफा हुई

ठुकरा दिया मेरी मोहब्बत को

ठुकरा दिया मेरी मोहब्बत को अपनी खताओं पर रोकर गड़ गिड़ाते हुए मैंने माफी मांगी तो थी वह कठोर इतनी थी कि शायद माफ कर नहीं सकती खुद को समझाते हुए आजकल खुद ही आंसू पोंछ लेते हैं

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मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा

मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा उनके पीछे अपना सब कुछ लुटा दिया धीरे-धीरे जब कंगाल हो गया भिखारी बोलकर वह बेवफा हुई

वह बेवफा हुई

वह बेवफा हुई मुझसे इस तरह जाते जाते हमको बर्बाद कर गई तन्हाई में रहता हूं खुशियों का नामोनिशान तक मिट गया

अपनी आदत से मजबूर हूं

अपनी आदत से मजबूर हूं ना चाहते हुए भी कुछ ना कुछ गलत हो ही जाता है मैं सुधारने की कोशिश ज्यादा किया मेरे दिल ने शराफत ना छोड़ी अभी