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मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा

मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा उनके पीछे अपना सब कुछ लुटा दिया धीरे-धीरे जब कंगाल हो गया भिखारी बोलकर वह बेवफा हुई

अपनी आदत से मजबूर हूं

अपनी आदत से मजबूर हूं ना चाहते हुए भी कुछ ना कुछ गलत हो ही जाता है मैं सुधारने की कोशिश ज्यादा किया मेरे दिल ने शराफत ना छोड़ी अभी

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मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा

मुझको उसके प्यार का ऐसा नशा चढ़ा उनके पीछे अपना सब कुछ लुटा दिया धीरे-धीरे जब कंगाल हो गया भिखारी बोलकर वह बेवफा हुई

वह बेवफा हुई

वह बेवफा हुई मुझसे इस तरह जाते जाते हमको बर्बाद कर गई तन्हाई में रहता हूं खुशियों का नामोनिशान तक मिट गया